हाजरियां परवान करो माँ हाजरियां

हाजरियां... हाजरियां परवान करो माँ हाजरियां,
भकत वत्सला मात, मात आई जागे वाली रात ।
हाजरियां ....हाजरियां परवान करो माँ हाजरियां ॥

ब्रह्मा हाज़िर, विष्णु हाज़िर, नील कंठ त्रिपुरारी,
त्रेता विच श्री राम आए, द्वापर विच्च कृष्ण मुरारी ।
ओ शेरां वालिए... पहाड़ा वालिए...
माँ भगतां दे वल्ल झांक, मात आई जागरण की रात,
हाजरियां ....हाजरियां परवान करो माँ हाजरियां ॥

दवार तेरे ते पीर अौलीये आन देवते सारे,
शक्ति दी शक्ती ने कीते सब दे पार उतारे ।
ओ लाटा वालिए... ओ ज्योतां वालिए...
करो सुखां दी बरसात मात आई जागरण की रात
हाजरियां ....हाजरियां परवान करो माँ हाजरियां ॥

मैं हाँ भुल्लनहार भवानी भूल चुक्क माफ़ माँ करनी,
शरण आए शरणागत दी माँ बांह फ़ड्ड लाले चरणी ।
ओ मंदिरा वालिए... ओ गुफा वालिए...
करो सुखां दी बरसात मात आई जागरण की रात,
हाजरियां ....हाजरियां परवान करो माँ हाजरियां ॥

ये रात बड़ी अनमोल आई, ये रात बड़ी अनमोल आई,
मेरे घर में जगराता है, मैं घर घर जा के बोल आई ।

रानी माँ ने मेरी सुनली, मेरी आशा पूरी करदी,
मैंने झोली फैलाई थी, माँ ने खुशिओं से वो भरदी ।
वो ज्योत के रूप में बैठी थी, मैं दिल की बाते बोल आई ॥

जिस घर माँ का जगराता हो, वो घर तो स्वर्ग बन जाता है,
जहाँ माँ की ज्योति जलती है, हर सुख वहा मिल जाता है ।
वो सच्चा सुच्च्चा द्वारा है, मैं दिल के तराजू तोल आई ॥

सबके दिन बदलेगी माता, जैसे मेरे दिन फेरे हैं,
तू बेशक हैं सारे जग की, पर हम तो ‘चंचल’ तेरे हैं ।
सब अपनी बाते करते थे, मैं अपने दुखड़े फोल आई ॥
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