देखो तो सब चोर जगत में

देखो तो सब चोर जगत में

राज्य के चोर हैं राजा रानी शहर चोर व्यापारी,
पांच चोर सब के उर माही कौन पुरुष कौन नारी,

ब्रह्मा चोर आय वृंदावन बालक बच्छ चुराये,
इंद्र चोर पृथु का हय चोर्यो बहु पाखंड बनाये,

शंकर चोर हरत बहु अवगुण शिव शिव जोइ पुकारे,
संत चोर हरि हृदय चुराये जो त्रिभुवन विस्तारे,

सब मिल चोरी करी श्याम की जो जासे बन आई,
सूरदास सठ कहां लगि वरणो माखनचोर कन्हाई,

द्वारा :योगेश तिवारी

श्रेणी
download bhajan lyrics (1042 downloads)