कैसी समाधी लगाई रे भोला अखिया ना खोले
अखिया ना खोले भोला अखिया ना खोले
गंगा भी बोले यमुना बोले
नंदी ने लहर बड़ाई रे भोला अखिया ना खोले
कैसी समाधी.....
राम भी बोले श्याम भी बोले
श्याम ने बंसी बजायी रे भोला अखिया ना खोले
कैसी समाधी......
ब्रह्मा भी बोले विष्णु भी बोले
नारद ने वीणा बजायी रे भोला अखिया ना खोले
कैसी समाधी.....
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