भटकते रहेंगे हम तो होके बावरे,
तेरे बिन जाये कहां ओ सांवरे।।
तेरे भरोसे हमने ये जग छोड़ा,
ओ निर्मोही हमसे क्यों मुख मोड़ा,
विरह जला ना डाले बन आग रे,
तेरे बिन जाये कहां ओ सांवरे।।
तुमने बुलाया हमें बंसी बजाके,
हम चले आये कितने सपने सजा के,
नटखट कन्हैया ऐसे मत भाग रे,
तेरे बिन जाये कहां ओ सांवरे।।
शरद ऋतु में जो वही दिन आएंगे,
वादा किया था तुमने रास रचाएंगे,
चंदा की चांदनी में रच रास रे,
तेरे बिन जाये कहां ओ सांवरे।।
तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी,
कन्हैया की राहों में आकर तो देखो,
चले आएंगे वो बांके बिहारी,
दिल से उन्हें तुम बुला के तो देखो।।
हम हैं तुम्हारे मोहन तुं भी हमारा है,
तेरा ही सहारा हमें तेरा ही सहारा है,
ओ श्याम शरण में ले लो यही आस रे,
तेरे बिन जाये कहां ओ सांवरे।।