जो भी गणपति को प्रथम मनाये सफल सब काम हो गये,
सफल सब काम हो गये सफल सब काम हो गये,
मेरे बाबा का अलख जगाये सफल सब काम हो गये,
इक दंत दया वंत चार भुजा धारी,
मस्तक सिंधुर सोहे मूसे की सवारी,
जो भी लडुवन का भोग लगाये सफल सब काम हो गये,
सफल सब काम हो गये सफल सब काम हो गये,
मेरे बाबा का अलख जगाये सफल सब काम हो गये,
अन्धन को आंख दे कोडियां को काया,
बांजन को पुत्र देत निर्धन को माया,
तेरे चरणों में अलख जगाये,
सफल सब काम हो गये सफल सब काम हो गये,
मेरे बाबा का अलख जगाये सफल सब काम हो गये,
शैलिन्दर तुम्हे प्रथम पूज कर किरपा तुम्हारी पा ली है,
दीपक दास तेरा सिंधुरियाँ पूजा की लाया थाली है,
जो भी गणपति को प्रथम मनाये
सफल सब काम हो गये सफल सब काम हो गये,
मेरे बाबा का अलख जगाये सफल सब काम हो गये,