सूर्ये पुत्र है शनिदेवता जिनकी निराली जग में बड़ी शान,
गुड तिल तेल से इन्हें जो पूजे देते उन्हें मंवांचित ये वरदान,
संकट के बादल सिर पे छा जाये तो मत गबराना,
श्रधा भाव और मन में धीर धर शनि देव की शरण में आना,
दुःख संकट पल में हर लेंगे विपद्वा का ये कर देंगे निधान,
गुड तिल तेल से इन्हें जो पूजे देते उन्हें मंवांचित ये वरदान,
बहित न करते कभी किसी का शनि देव है ऐसे किरपालु,
सब के बिगड़ी काम बना दे दया के सागर बड़े दयालु,
शोक मुक्त करके भगतो को समपंता करेगे उसे प्रधान
सूर्ये पुत्र है शनिदेवता जिनकी निराली जग में बड़ी शान
शनि देव की कथा की महिमा जग में कितनी पावन है,
सांचे या इसे श्रवण करे जो मुक्त करे आवन जावन से,
हो भरपूर हुए वेह तावता में शनि देव करे एसा कल्याण,
गुड तिल तेल से इन्हें जो पूजे देते उन्हें मंवांचित ये वरदान,