टूटे न विशवाश हमारा साई तेरे दर से,
करते रहना दूर हमारे संकट रेहम नजर से,
दुःख संकट से हारे मन में शक्ति बन के आना,
मोह के झूठे अँधियारो से पल पल हमे बचाना,
श्रद्धा सबुरी हम को देना रखना पास नजर के,
टूटे न विशवाश हमारा साई तेरे दर से,
हम पापी है भटक भी जाये राह पे हम को लाना,
तुम न जाना छोड़ के साई छोड़ दे चाहे ज़माना,
वचनं निभाना ग्यारा आप ने जाये न तेरे दर से ,
टूटे न विशवाश हमारा साई तेरे दर से,
छूट न जाये तेरा सहारा दर ये हमे सताये,
अपने ही दोषो से गबरा के तुम को ये विनती सुनाये,
रखना अपने चरण कमल में भटके न भगति डगर पे,
टूटे न विशवाश हमारा साई तेरे दर से,