शेरोवाली मैया का है अद्भुत रूप निराला,
चढ़ के जिस पर बैठी मैया वो है सिंह विशाला,
चल के माँ चरणों में भगता रह ले तू अष्ट मग्न,
तू भी गा गा माँ के भजन,
सब पे किरपा करती भवानी सब की लाज बचाती है,
डूबत नैया माँ जो देखे उसको पार लगाती है,
माँ के दर पे चल के भगता मैया को करले नमन,
तू भी गा गा माँ के भजन,
जग दाती माँ वारदाति माँ सारे जगत की पालक है,
भोग लगाओ चुनरी चड़ाउ तीनो लोक की मालक है,
गगन मगन रहता है मैया छूटे न तेरा चरण,
तू भी गा गा माँ के भजन,