फागण आया चल खाटू भाया
खाटू में सांवरे का मेला आया
सब मिलके होली वहां खेलेंगे
अबकी सांवरिया को नहीं छोड़ेंगे
पहुंचेगी खाटू दुनिया सारी
ले चलो रंग भर भर पिचकारी
लाल गुलाबी रंग वहां हम उड़ाएंगे
माथे अबीर हम बाबा को लगाएंगे
सब मिलके होली वहां खेलेंगे
अबकी सांवरिया को नहीं छोड़ेंगे
बाबा जो देख के छुप जायेंगे
ढूंढ के उनको ले आएंगे
बाबा पे डालेंगे हम रंग बारी बारी
चारों तरफ से बरसेगी पिचकारी
सब मिलके होली वहां खेलेंगे
अबकी सांवरिया को नहीं छोड़ेंगे
धूम मचेगी खाटू नगरी
रंगो भरी छलकेगी गगरी
ढोल मंजीरा गौरी खूब बजायेंगे
नाचेंगे कुंदन संग श्याम को नचाएंगे
सब मिलके होली वहां खेलेंगे
अबकी सांवरिया को नहीं छोड़ेंगे