एक हाथ में चक्क्र सुदर्शन, दूजे में गदा विराजे,
करे शेष नाग की सवारी, श्री सागर आसन लागे ll,,
*पूजन करो भक्तों,,, ll, हरि विष्णु का,
भजन करो भक्तों, हरि विष्णु का" ll
( पूजन करो भक्तों, हरि विष्णु का,
भजन करो भक्तों, हरि विष्णु का )
विष्णु जी की पूजा होती, जिसके भवन में*,
"लक्ष्मी का वास होता, उसके आँगन में" l
साँझ सवेरे भोग, जो भी लगाए*,
"अन्न धन सब सुख, प्रभु जी से पाए" l
*हवन करो भक्तों,,, ll हरि विष्णु का,
पूजन करो भक्तों, हरि विष्णु का,,,,
( पूजन करो भक्तों, हरि विष्णु का,
भजन करो भक्तों, हरि विष्णु का )
विष्णु है रूप प्रभु, राम और श्याम के*,
"सृष्टि के मालिक यही, स्वामी चारों धाम के" l
जब जब भक्त, पुकारे प्रभु आए*,
"होलिका जलाए, प्रह्लाद को बचाए" l
*नमन करे अनु/पंकज,,, ll हरि विष्णु का,
पूजन करो भक्तों, हरि विष्णु का,,,,
( पूजन करो भक्तों, हरि विष्णु का,
भजन करो भक्तों, हरि विष्णु का )
अपलोडर- अनिलरामूर्तिभोपाल