तर्ज – दिल लूटने वाले जादूगर
हे सूर्य पुत्र शनिदेव हमें,
रखना करूणा की छाँव में,
काँटा भी ना चूभने देना कभी,
कष्टों का हमारे पाँवो में,
हे सूर्य पुत्र शनिदेव हमे,
रखना करूणा की छाँव में......
हमको ना कभी परखना तुम,
प्रभु द्रष्टि दया की रखना तुम,
जग सागर पार करा देना,
बैठा के सुखो की नावों में,
हे सूर्य पुत्र शनिदेव हमे,
रखना करूणा की छाँव में.......
सब आपके है कोई गैर नहीं,
तुम रखते किसी से बैर नहीं,
प्रभु आप के नाम का डंका तो,
बजता है सभी दिशाओ में,
हे सूर्य पुत्र शनिदेव हमे,
रखना करूणा की छाँव में.......
शुभ चरण जब आप आते हो,
मन भक्त का जित के जाते हो,
वो रुकना सके बुलाते है,
जिसे आप शिगनापुर गाँव में,
हे सूर्य पुत्र शनिदेव हमे,
रखना करूणा की छाँव में......
हे सूर्य पुत्र शनिदेव हमें,
रखना करूणा की छाँव में,
काँटा भी ना चूभने देना कभी,
कष्टों का हमारे पाँवो में,
हे सूर्य पुत्र शनिदेव हमे,
रखना करूणा की छाँव में......