शनि देव के बनो उपासक शनि है बड़े महान रे,
शनि की किरपा जब जब बरसे हो जाता कल्याण रे,
नो ग्रेह में ये सिद्ध है सब से सूर्ये पुत्र कहलाते,
चार भुजा तन श्याम भरन है इनको सभी रिजाते,
इनकी महिमा बड़ी अनोखी पूजे सकल जहां रे,
शनि की किरपा जब जब बरसे हो जाता कल्याण रे,
शनि हैं बड़े महान
लोहा तिल ओत उर्ग चड़ा के जो भी इन्हें रिजाते,
श्रधा प्रेम से तेल चडा के जो भी ध्यान लगाते,उनकी भगती से खुश हो के देते वरदान रे,
शनि की किरपा जब जब बरसे हो जाता कल्याण रे,
शनि हैं बड़े महान
वक्र है दृष्टि तनी है बहुए न्याय धीश कहलाते,
केवल भकतो के ये रक्षक दुशट सदा गब्राते,
माँ छाया के अगया कारी दूर करे विय्व्धान रे ,
शनि की किरपा जब जब बरसे हो जाता कल्याण रे,
शनि हैं बड़े महान