नर रे नारायण री देह बनाई

( नुगरा मनक तो मिलो मति,
पापी मिलो हजार,
एक नुगरा रे सर पर,
लख पापियो रो भार॥ )

नर रे नारायण री देह बनाई,
नुगरा कोई मत रेवना,
नुगरा मनक तो पशु बराबर,
उनका संग नही करना,
राम भजन में हाल मेरा हंसा,
इन जग में जीवना थोड़ा रे.....

काया नगर में मेलो भरीजे,
नुगरा सुगरा सब आवे,
हरिजन हिरला बमना,
कमाया मुर्ख मोल गमाया,
राम भजन में हाल मेरा हंसा,
इन जग में जीवना थोड़ा रे......

अडारे वरन री गायों दुरावो,
एक वर्तन में लेवना जी,
मथे मथे नी मोखन लेना,
वर्तन उजला रखना जी,
राम भजन में हाल मेरा हंसा,
इन जग में जीवना थोड़ा रे......

आगलो आवे अगन स्वरूपी,
जल स्वरूपी रहना जी,
जोनु रे आगे अजोनु वेना,
सुनसुन वसन लेवना जी,
राम भजन में हाल मेरा हंसा,
इन जग में जीवना थोड़ा रे......

काशी नगर में रहता कबीरसा,
डोरा धागा वणता जी,
सारा संसारिया में धर्म चलायो,
निर्गुण माला फेरता जी,
राम भजन में हाल मेरा हंसा,
इन जग में जीवना थोड़ा रे......

अण संसारिया में आवणो जावणो,
वैर किसी से मत रखना,
केवे कमाली कबीरसा री शैली,
फिर जनम नही लेवना जी,
राम भजन में हाल मेरा हंसा,
इन जग में जीवना थोड़ा रे......

नर रे नारायण री देह बनाई,
नुगरा कोई मत रेवना,
नुगरा मनक तो पशु बराबर,
उनका संग नही करना,
राम भजन में हाल मेरा हंसा,
इन जग में जीवना थोड़ा रे......
download bhajan lyrics (412 downloads)