चलो भोले के दरबार, आया सावन का सोमवार,
भक्त निकले है हज़ार, महिमा इनकी है अपरम्पार,
चलो भोले के दरबार......
देखो गौरी इनके साथ, डमरू है इनके हाथ,
है त्रिशूल ये धारी, कहलाये भोलेनाथ,
होके नंदी पे सवार, बहती जटा में गंगा धार,
चलो भोले के दरबार......
चलो भोले के दरबार, आया सावन का सोमवार,
भक्त निकले है हज़ार, महिमा इनकी है अपरम्पार,
चलो भोले के दरबार......