मुझको भी पाल लेगी जब सारे जग को पाले,
ये सोच के माँ ज़िंदगी की है तेरे हवाले,
अच्छा हु या बुरा हु जैसा हु अब हु तेरा,
एक तेरे सिवा जग में माँ और कौन मेरा,
दे देती अपने मुख के माँ बेटे को निवाले,
ये सोच के माँ ज़िंदगी......
बेटे का टूट जाये कोई अगर खिलौना,
बेटे से पहले माँ को आ जाता है रोना,
बेटे के दुःख को मैया दुःख अपना है बना ले,
ये सोच के माँ ज़िंदगी......
सब वेद पुराणों में माँ को बड़ा बताया,
जिसने जगत रचा है उसको भी माँ ने जाया,
माँ देती जो दुआए रघुवंस कौन टाले,
ये सोच के माँ ज़िंदगी......