हे गुरुवर आप मेरे मोक्ष के आधार हो,
आप नैया आप सागर आप ही पतवार हो,
हे गुरुवर आप मेरे मोक्ष के आधार हो
आप के भजनो में मेरे मन का दर्पण धो दियां,
आप जो मेरे हुए तो मैं को मैंने खो दिया,
ज्ञान की परिभाषा हो और सच का सच में सार हो,
हे गुरुवर आप मेरे मोक्ष के आधार हो
आप के हाथो में मुनि वर अब ये मेरा हाथ है,
आप की छाया में मैं हु तो दिन से उजली ये रात है,
क्यों मेरी इस आत्मा पे वासना का पार हो,
हे गुरुवर आप मेरे मोक्ष के आधार हो
आप के महाकवाये का हिरदये से जब भी स्पर्श हो,
मेरे अंतर मन से मेरा जब भी विचार भिमर्ष हो,
आती जाती साँस होने आप ही उस पार हो,
हे गुरुवर आप मेरे मोक्ष के आधार हो