दीन दुखिआ नु जिथों मिल्दे सहारे,
सब तो न्यारे मेरे गुरां दे दवारे।
जलवे निराले ते कमाल हो गए,
बावा लाल सब ते दयाल हो गए॥
बड़े सोहने सोहने ने दवारे लगदे,
सवरगा तो सुन्दर नज़ारे लगदे।
तक तक दिल ने निहाल हो गए,
बावा लाल सब ते दयाल हो गए॥
बावा जी दे बागा विच मोर नच्दे,
भगत प्यारे जोरो जोर नच्दे॥
लगीआ ने रौनका कमाल हो गए,
बावा लाल सब ते दयाल हो गए॥
होण ‘तरसेम’ ऐथे आसा पूरिआ,
जानदेने सब दिया मज्बूरिआ।
‘धीरज’ जहे कई माला माल हो गए,
बावा लाल सब ते दयाल हो गए॥