तैने मोए ते मचा गई रंग होरी,
रंग डाली चुनर तोरी,
हो रंग डाली चुनर तोरी,
तुम हो लाला नंग गांव के हम बरसाने वाली,
धक्का पती करो न मोपे चले न तेरी यारी,
चुनरियाँ रंग में बोरी,रंग डाली चुनर तोरी,
तेरी काली कमारियाँ पे दूजो रंग चढ़े न,
दूर दूर से क्यों तू माहरे आगे नेक बड़े न,
क्यों करते श्याम ठिठोरी,
रंग डाली चुनर तोरी,
पांच साथ ग्वालन में मोकु आये अकेली गेहरी,
खींचा तानी किनी तोड़ी मोहन माला मेरी,
मेरी बहियाँ पकड़ मरोड़ी,
रंग डाली चुनर तोरी,
जो मेरी तोसे तेस चले न पागल को भुलवाऊ,
भर भर के पिचकारी तोपे कस कस के लगवाउ,
ना खेलु थोड़ी थोड़ी,
रंग डाली चुनर तोरी,