महंगाई में कैसे काम बने गा लाखो में,
सौगात करोडो की देदे मेरे हाथो में,
दौर महंगाई का है जोरो पे,
पुछले चाहे मैया ओरो से,
काम जो पहले होते लाखो में,
आज वो हो गये करोडो के,
लाख दो लाख तो लग जाते बाते ही बातो में,
सौगात करोडो की देदे मेरे हाथो में,
मांग कर तुम से जो भी लाते है,
काम उतने में ही चलाते है,
खोलनी पड़ती है जुबा अपनी बड़े मजबूर जब हो जाते है,
अपने जीवन की गाडी है तेरे हाथो में,
सौगात करोडो की देदे मेरे हाथो में,
कभी रहने को घर बनवाना है कभी बेटे बेटी को व्याहना है,
और नवरातो पे तेरा मैया बाहरी कीर्तन भी करवाना है.
सोनू खाव्ब सजे है ये बरसो से आँखों में,
सौगात करोडो की देदे मेरे हाथो में,