झूम रहे खोली में मदन मोहन मुरारी ,
मैं भी संग चलु गी साजन सुन लो बात हमारी,
झूम रहे खोली में मदन मोहन मुरारी ,
भीड़ लगी मेले में भरी दुःख पावेगी यहाँ,
मोहन से मेरी प्रीत लगी है मन में लगा ुभाया,
दूर दूर से दर पे आवे लाखो नर और नारी,
झूम रहे खोली में मदन मोहन मुरारी
घर पे रह के बाबा टोकि करियो सेवा,
गठ जोड़े की चाक लगावे पावे गे हम मेवा,
जा जोहड़ में गोते लावे दोनों वारि वारि,
झूम रहे खोली में मदन मोहन मुरारी
घर पे बालक भूखे मर जा बार बार समजाउ.
भरु जा लेहरी चूका दाना जाके गऊ जिमाऊ,
दुनिया के दुःख दूर करे कलयुग के अवतारी,
झूम रहे खोली में मदन मोहन मुरारी
कृष्ण भी तू रोज रटे से तेरे नाम की माला,
चीज से चिंता दूर हटावे दुनिया का रखवाला,
जिस ने ढाया पार लगाया कसर मेट दी सारी
झूम रहे खोली में मदन मोहन मुरारी