मैं तो श्याम की दीवानी हुई रे,
मैं तो सँवारे के रंग में खोई रे ,
तू मेरा मैं तेरी सांवरियां मन में वस् गई तेरी सुरतियाँ,
मैं तो श्याम रंग चुनर बिगाओई रे,
मैं तो सँवारे के रंग में खोई रे ,
तेरे कारण बन गई मैं जोगन,
लाइ लाज बई ऐसी मैं रोगन,
मेरी रातो की निन्दियाँ भी खोई रे,
मैं तो सँवारे के रंग में खोई रे ,
बेदर्दी तो है दर्द ना आवे,
श्याम पिया तेरी याद सतावे,
काहे प्रीत की रीत ये बोई रे,
मैं तो सँवारे के रंग में खोई रे ,
तू टेढ़ो तेरी टेडी नजरियां लूट गई सुन के तेरी बांसुरियां,
तेरे बिरहमा में पागल मैं हुई रे,मैं तो सँवारे के रंग में खोई रे ,