मेरा इतना कहना तू पूजा दे रे भोले,
मने हरिद्वार का मेला तू दिखादे रे भोले,
मेरा ढीला हो गया नशा भांग और व्यादे ने गोरा,
मेरा हरिद्वार जावन का मूड बना दे ने गोरा
ओहद पहर शृंगर के ने भोले जाना से मने मेले में,
कही डाल के मानस आवे ईब भगता के रेले में,
मड़कन वाली जुटी तू मंगवा दे रे भोले,
मेरा हरिद्वार जावन का मूड बना दे ने गोरा
मेले के मा घूम गाम के शोप्पिंगा मारु जोटा,
तने अच्छी तरहिया दे रहा से गोरा सब का एक से टोटा,
हरी की पौड़ी गंगा जी नहादे ने भोले,
मेरा हरिद्वार जावन का मूड बना दे ने गोरा
सुख दुःख की बतलावा भोले भगता संग हस बोलके,
सुरेश गोला मनो रांची मेले के मा डोल के,
सुशिल काला तमन ने मिला दे भोले,
मेरा हरिद्वार जावन का मूड बना दे ने गोरा