गजब भयो रामा जुलम भयो रे,
चौपड़ खेलें भोले बाबा गजब भयो रे,
गजब भयो रामा जुलम भयो रे,
चौपड़ खेलें भोले बाबा गजब भयो रे,
गजब भयो रामा जुलम भयो रे......
एक समय कैलाश के ऊपर,
शिव शंकर त्रिपुरारी,
चौपड़ खेले गौरा के संग,
पहली बाजी हारी,
ओ पासा फेंका गौरा रानी,
गजब भयो रे,
चौपड़ खेले भोले बाबा,
गजब भयो रे.......
पहले दांव में शिव शंकर ने,
लगा दिया है चंदा,
हारे चंदा, पड़ गयो मंदा,
बन गयो गोरखधंधा,
ओ डमरू हारे हैं सैलानी,
गजब भयो रै,
चौपड़ खेले भोले बाबा,
गजब भयो रे........
त्रिशूल हारे,
और रुद्राक्ष की माला,
दंड कमंडल सब ही हारे,
हारे विष का प्याला,
ऐसे हारे हैं सैलानी,
गजब भयो रै,
चौपड़ खेले भोले बाबा,
गजब भयो रे.......
भूत प्रेत सब जोगिन हारे,
हार गए बेताला,
उसी समय गौरा से बोले,
क्या है माल मसाला,
ओ कैसे भभुति बचाई,
गजब भयो रै,
चौपड़ खेले भोले बाबा,
गजब भयो रे.........
सुन के ताना,
शिव ने जाना,
अब नहीं कोई ठिकाना,
शिव शंकर बाहर को आए,
रास्ता नहीं बताना,
ओ भोले हो गए हैं हैरान,
गजब भयो रे,
चौपड़ खेले भोले बाबा,
गजब भयो रे........
शिव शंकर की दशा देखकर,
कमला मन समझाव,
बालापन में संग हम खेले,
भागो ना घबराके,
ओ देखो चाल मेरी मस्तानी,
गजब भयो रे,
चौपड़ खेले भोले बाबा,
गजब भयो रे.......
गौरा से बोले त्रिपुरारी,
खेल दुबारा होगा,
अब के बाजी आप लगाओ,
खेल हमारा होगा,
ओ हंस के बोली गौरा रानी,
गजब भयो रे,
चौपड़ खेले भोले बाबा,
गजब भयो रे.......
गौरा बोली दांव लगाने,
पास क्या है तुम्हारे,
शिव बोले भंडार भरे हैं,
भरे पड़े खजाने,
ओ पासा फेंको गौरा रानी,
गजब भयो रे,
चौपड़ खेले भोले बाबा,
गजब भयो रे.......
ब्रह्मा को तो गोट बनाया,
विष्णु बन गए पासा,
शिव शंकर ने माल अपना,
हारा वापस पाया,
ओ शर्मा गई है गौरा रानी,
गजब भयो रे,
चौपड़ खेले भोले बाबा,
गजब भयो रे.......