कही जगत मे रात अन्देरी कही है दिन के उजाले,
निराले तेरे खेल निराले डम डम डमरू वाले,
चम चम चमके शीश पे तेरे वो चंदा है निराला,
कानन कुण्डल पहने भोले जटा में गंगा की धारा
गल मूंडो की माला सोहे नाग भयंकर काले,
निराले तेरे खेल निराले डम डम डमरू वाले,
तू ही सर्वेश्वर है भोले तू ही ऑडरदानी ,
याचक तेरी दुनिया सारी ओ वधामधरी,
भक्त तुम्हारी आस लगाए कर दे वारे न्यारे,
निराले तेरे खेल निराले डम डम डमरू वाले,
भस्म सुर की देख तपस्या शमभू ने वर दे डाला,
शिव की शक्ति शिव के पीछे भागे रे डमरू वाला,
उसी समे विष्णु जी ने मोहनी रूप बना डाला,
पापी हुआ बसम अपने हाथो शिव के लगे जय कारे,
निराले तेरे खेल निराले डम डम डमरू वाले,