भोले तुम पर्वत हम नीचे खड़े,
हरिद्वार में मिलेंगे दोनों जने.....
भोले तुम बगिया हम फुल बने,
खुशबू में मिलेंगे दोनों जने,
भोले तुम पर्वत हम नीचे खड़े,
हरिद्वार में मिलेंगे दोनों जने.....
भोले तुम धागा हम मोती बने,
सुमिरन में मिलेंगे दोनों जने,
भोले तुम पर्वत हम नीचे खड़े,
हरिद्वार में मिलेंगे दोनों जने.....
भोले तुम दीपक हम बाती बने,
ज्योति में मिलेंगे दोनों जने,
भोले तुम पर्वत हम नीचे खड़े,
हरिद्वार में मिलेंगे दोनों जने.....
भोले तुम सागर हम लहरै बने,
मौसम में मिलेंगे दोनों जने,
भोले तुम पर्वत हम नीचे खड़े,
हरिद्वार में मिलेंगे दोनों जने.....
भोले तुम कागज हम शाही बने,
वेदों में मिलेंगे दोनों जने,
भोले तुम पर्वत हम नीचे खड़े,
हरिद्वार में मिलेंगे दोनों जने.....
भोले तुम शंकर हम दास है तेरे,
सेवा में मिलेंगे दोनों जने,
भोले तुम पर्वत हम नीचे खड़े,
हरिद्वार में मिलेंगे दोनों जने.....