राति जय माँ जय माँ हो गई मेरी दाती दे दरबार ते,
पता नहीं मेरी दाती दाती ने बूहे खोल दिते भण्डार दे,
राति जय माँ जय माँ हो गई मेरी दाती दे दरबार ते,
गज रज संगता भंगड़े पावन दुखड़े हथ सारे ताड़ी लावन,
ढंग अपने नाल माँ नु रिजवान नाले कहां दीदार दे,
राति जय माँ जय माँ हो गई मेरी दाती दे दरबार ते,
नारियल तेल कोई चुनी चढ़ावे हलवे दा कोई भोग लगावे,
कोई दस ते कोई सो चढ़ावे कोई चढ़ावे फूल हार ते,
राति जय माँ जय माँ हो गई मेरी दाती दे दरबार ते,
नच नच संगता भंगड़े पावन ते नाल लाऊँ जैकारे,
सुभाष दीवाना बनाया लिखारी सूरज ने शृंगार ते,
राति जय माँ जय माँ हो गई मेरी दाती दे दरबार ते,