नैया मंझधार है जाना उस पार है

नैया मंझधार है जाना उस पार है
मेरी नैया का मेरा बाबा खेवनहार है

जो जैसे भाव है लाता ये वैसा ही फल देता
पल में झोली भर देता बदले में कुछ ना लेता
प्रेमी पे बाबा तेरे कितने उपकार हैं
मेरी नैया का मेरा बाबा खेवनहार है

दुनिया से जो हारा ये देता उसे सहारा
लाखों का भाकरों का जीवन इसने पल भर में संवारा
जो चाहो मांग लो जितनी दरकार है
मेरी नैया का मेरा बाबा खेवनहार है

जो दुनिया के ठुकराए ये उनको गले लगाए
आँखों के आंसू पोंछे और सर पर हाथ फिराए
गिरते को थाम ले ऐसी सरकार है
मेरी नैया का मेरा बाबा खेवनहार है
नैया मंझधार है ..........

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