तर्ज। सुहानी चांदनी रातें।
कन्हैया नंद के प्यारे। तुम्हारी याद आती है
यशोदा नैन के तारे। तुम्हारी याद आती है
मटुकिया तोड़ते फिरना। चुराना नित्य माखन का
बुलाना गोपियों को और। रचाना रास कुंजन का
तरसते नैन बेचारे। तुम्हारी याद आती है।
कन्हैया नंद।।।।।
तुम्हारी याद में रातें। हमे सोने नही देती
तुम्हे पाने नही देती। तुम्हे खोने नही देती
झलक एकबार दिखलाजा। तुम्हारी याद आती है।
कन्हैया नंद।।।।।
बखाने क्यों तू ऐ (प्यासा)। बिरह की दुख भरी बातें
ना दिनको चैन है नातो। गुजरती चैन से रातें
मरे हम श्याम बिन मारे। तुम्हारी याद आती है।
कन्हैया नंद।।।।।।
हेमकांत झा प्यासा
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