तूने अजब रचा भगवन खिलौना माटी का,
माटी का रे माटी का,
तूने अजब रचा भगवन खिलौना माटी का,
कान दिये हरी भजन सुनन को,
तू मुख से करे गुण गान, खिलौना माटी का
तूने अजब रचा भगवन खिलौना माटी का,
जीबा दी हरी भजन करन को,
दी आँखे कर पहचान, खिलौना माटी का
तूने अजब रचा भगवन खिलौना माटी का,
शीश दिया गुरु चरण झुकन को,
और हाथ दिये कर दान खिलौना माटी का
तूने अजब रचा भगवन खिलौना माटी का,
सत्ये नाम का बना के,
बेडा और उतरे भव से पार,खिलौना माटी का
तूने अजब रचा भगवन खिलौना माटी का,