शाह बिना पत् नहीं, गुरु बिना गति नहीं,
सगत पई पुकारदी, गुरु बेड़ी बन्ने ला देवे सारे संसार दी
गुरु पूरा जे मिल जावे, कटे गेड़ चौरासी दा
डर नहीं मेनू मौत दा, ना यमां दी फांसी दा
गुरु नाम दी बानी, बानी पार उतारदी
गुरु बेड़ी बन्ने ला देवे...
पत्थरा विच प्रगट किता प्रणाम दी बानी नु
ना देख गुरु जी मेरी एस उम्र नयानी नु
जीने गुरु नाम नु मन्नेया, गुरु मिले साकार जी
गुरु बेड़ी बन्ने ला देवे...
बिना गुर तो जाना अग्गे वी ठिकाना नहीं
गुर जनम जनम दे साथी, किसे साथ निभाना नहीं
जिदा गुरु हो जीवन साथी, सच्ची सरकार जी
गुरु बेड़ी बन्ने ला देवे...
गुरु ज्ञान ज्ञान गंगा नू पा के मिटे घोर हनेरा जी
हनेरा जदों मिटेया जीवन चानन मेरा जी
हनेरा जदों मिटेया होया जीवन उद्धार जी
गुरु बेड़ी बन्ने ला देवे...
गुरु गोविन्द दोनों खड़े मैं सीस निवावा जी
बलिहारी सतगुरु आपने जिन्नू सन्मुख पावा जी
जीने गुरु शरण नु मन्या, गुरु सदा साकार जी
गुरु बेड़ी बन्ने ला देवे...
गुरु दी निन्देया करके तू ठोकरा खावेंगा
गुरु दी निन्देया सुन के दर दर रुल्दा जावेंगा
जो गुरु दा निंदक होवे, ओहदा जीवन धिक्कार जी,
गुरु बेड़ी बन्ने ला देवे...
गुरु नाम दी महिमा घर घर सुनावा जी
गुरु मांगे मेरा शीश ते चरनी चदाव जी
जे ताम नाम लेखे लग जावे, जीवन साकार जी
गुरु बेड़ी बन्ने ला देवे...