गुड़ नालो खंड मीठी खंड नालो शहद मीठा,
शहद नालो मीठा तेरा नाम सतगुरु,
अखा च दीदार तेरा बुल्ला उते वाणी तेरी तेरे नाम ला ती मैं ज़िन्द्जान सतगरु,
गुड़ नालो खंड मीठी खंड नालो शहद मीठा,
जींदगी जीने दे हुंडी सब नु तमना,
पर मैनु ता तमना है दीदार दी,
सोहनियाँ लेयामता नु मैं ठोकर मारा,
खैर मिलदी रवे तेरे प्यार दी,
सदा ही ध्यावा तनु अंग संग चाहवा तनु,
मैनु अपने तो करा न भरा सतगुरु....
नागा दे तू नो लखे हार भी बनान वाला,
चोज तेरे बड़े ही न्यारे ने,
चरना च लाके मीरा जाहि तरिया तू,
पानी उते पत्थर भी तारे ने,
कीकारा दे मान तोड़े डूब गए सी रोंदे गोने,
सारे तनु पूज्दे ने ता सतगुरु,
गुड़ नालो खंड मीठी खंड नालो शहद मीठा,
अमृत बानी नाल हो गया प्यार जह्नु ओह ता भूल जांदा सारे संसार नु,
किरपा तेरी दे नाल सब कुछ मिलिया है,
आज मिलका दे प्रीत बलिहार नु,
तेरा कोई जवाब नहीं मेरा ना हिसाब नहियो सदा साडे बक्शी गुनाह सतगुरु,
गुड़ नालो खंड मीठी खंड नालो शहद मीठा,