कर्मण की गति न्यारी रे बिहारी कर्मण की गति न्यारी,
निर्मल नीर दये नदियां को सागर कर गई खारी रे,
रे बिहारी कर्मण की गति न्यारी,
उज्वल वर्ण दये बगुलन को कोयल कर गई कारी रे,
रे बिहारी कर्मण की गति न्यारी,
मुखर को तुम राज दियत हो ,
पंडित फिरत भिखारी रे बिहारी
कर्मण की गति न्यारी रे बिहारी