मुरली बजावैं कान्हा ब्रिज में,
मुरली बजावैं कान्हा,
सुन धुन राग मधुर मुरली की,
सब पाछे पाछे धावैं ब्रिज में,
मुरली बजावैं कान्हा,
मुरली बजावैं कान्हा ब्रिज में.......
बाल बृद्ध नर नारी सब मिल,
जय कान्हा कान्हा गावैं ब्रिज में,
मुरली बजावैं कान्हा,
मुरली बजावैं कान्हा बिरज में.........
मोर मुकुट पीताम्बर सोहत,
अद्भुत रूप दिखावैं बिरज में,
मुरली बजावैं कान्हा,
मुरली बजावैं कान्हा बिरज में.....
धन्य धन्य ब्रजपुर सब बासी,
हरि कमल चरण रज पावैं बिरज में,
मुरली बजावैं कान्हा,
मुरली बजावैं कान्हा बिरज में....
आभार: ज्योति नारायण पाठक