तुम शर्णायि आया ठाकुर

तुम शर्णायि आया ठाकुर,

अनबोलत मेरी विरथा जानी आपना नाम जपाया
तुम शर्णायि आया ठाकुर

दुःख नाठे सुख सेहज समाये
आनंद आनंद गुण गाया ठाकुर
तुम शर्णायि आया ठाकुर

बाह पकड़ कद लेने अपनी ,
देह अन्द्कुप ते माया
तुम शर्णायि आया ठाकुर

कहो नानक गुरु बंधन काटे
बिछड़ा ध्यान मिलाया ठाकुर
तुम शर्णायि आया ठाकुर

download bhajan lyrics (979 downloads)