तुम जैसा न भगत बाला जी कोई तुम जैसा न वीर
राम नाम रस पीने वाले,
तूम हर ते सबकी पीड,
तुम जैसा न भगत बाला जी कोई तुम जैसा न वीर
केसरी नंदनी माँ अंजना के तुम को आँख के तारे,
राम नाम की माला जपते अंग संग राम तुम्हारे,
संकट मोचन नाम तुम्हारा भगतो की हरते पीड,
तुम जैसा न भगत बाला जी कोई तुम जैसा न वीर
सूर्ये ग्रास कर बाला पन में शक्ति अपनी दिखाई,
सुर नर मुनि जन सब गबराए मच गी त्राहि त्राहि
सभी देवता विनती करते भर अखियो में नीर
तुम जैसा न भगत बाला जी कोई तुम जैसा न वीर
मेहंदीपुर में धाम तुम्हारा शिव शंकर अवतारी
सिया राम के भगत दुलारे तुमरी महिमा भारी
सिया राम के दर्श करवाए जब सीना दिया था चीर,
तुम जैसा न भगत बाला जी कोई तुम जैसा न वीर
मंगल और शानिषर को तेरी पूजा भारी
लड्डू चूरमा भोग लगाते मिल कर सब नर नारी
रणजीत राजा भी दास तुम्हारा दर्शन दो महावीर
तुम जैसा न भगत बाला जी कोई तुम जैसा न वीर