जय बाला जी हनुमान
तर्जः- चाहे राम बनके चाहे शाम बनके चाहे बाला भगवान, चाहे बन हनुमान । चले आना, प्रभु जी चले आना ।।
चाहे रूप रुद्र का धारे ।
चाहे बनकर पवन दुलारे ।।
थाम अंजना का हाथ, पिता केसरी के साथ।
चले आना, प्रभु जी चले आना ।।
किसी रूप में अंतर्यामी ।
चाहे बन मोहन के स्वामी ।।
ध्वजा हाथ लेकर, गदा साथ लेकर ।
चले आना, प्रभु जी चले आना ।।
चाहे बनकर राम के दासा ।
चाहे बनके 'मधुप हरि' नाथा ।।
चाहे किष्किन्धा छौड़, चाहे अवध से दौड़।
चले आना, प्रभु जी चले आना ।।