पलके ही पलके हम बिछाएंगे, जिस दिन मेरे गुरुवर घर आएंगे,
हम तो है गुरुवर के जन्मो से दीवाने,
मीठे मीठे भजन सुनाएंगे, जिस दिन मेरे गुरुवर घर आएंगे,
पलके ही पलके हम बिछाएंगे, जिस दिन मेरे गुरुवर घर आएंगे ॥
घर का कोना-कोना हमने फूलों से सजाया,
बंधनवार सजाई, घी का दीपक जलाया ।
भक्त जनों को हम बुलाएंगे, जिस दिन मेरे गुरुवर घर आएंगे,
पलके ही पलके हम बिछाएंगे, जिस दिन मेरे गुरुवर घर आएंगे ॥
गंगाजल की धार से गुरु को न्हावन कराऊं,
भोग लगाऊं, लाड़ लड़ाऊं, आरती उतारू ।
खुशबू ही खुशबू हम उड़ाएंगे, जिस दिन मेरे गुरुवर घर आएंगे,
पलके ही पलके हम बिछाएंगे, जिस दिन मेरे गुरुवर घर आएंगे ॥
अब तो एक ही लगन लगी है, प्रेमसुधा बरसा दो,
जनम जनम की मैली चादर, अपने रंग रंगा दो ।
जीवन को सफल बनाएंगे, जिस दिन मेरे गुरुवर घर आएंगे,
पलके ही पलके हम बिछाएंगे, जिस दिन मेरे गुरुवर घर आएंगे ॥