झंडा फ़हराओ केसरिया,
पारस जी को झूम झूम के,
झंडा फ़हराओ रै केसरिया,
पारस जी को झूम झूम के।
शिखर में भव जल कलशा चढ़ाएं,
भक्ति भाव से ध्वजा लहराएं,
झूम झूम के, झूम झूम के,
झंडा फ़हराओ रै केसरिया,
पारस जी को झूम झूम के।
भक्ति आराधन कर ध्यान लगाएं,
आरती कर और चन्दन लगाएं,
झूम झूम के, झूम झूम के,
झंडा फ़हराओ रै केसरिया,
पारस जी को झूम झूम के।
मूरत तेरी प्रभु तेरी मन में बसाएं,
सम्मित शिखर जी दर्शन को आएं,
झूम झूम के, झूम झूम के,
झंडा फ़हराओ रै केसरिया,
पारस जी को झूम झूम के।
स्वर्ण कूट पर पारस हमारे,
पर्वत पर्वत गूंजे जयकारे,
झूम झूम के, झूम झूम के,
झंडा फ़हराओ रै केसरिया,