शंखेश्वर जी जाओ प्रभु पारस के गुण गाओ

शंखेश्वर जी जाओ, प्रभु पारस के गुण गाओ,
प्रकट प्रभावी पारस जी से मनवांछित फल पाओ ।
शंखेश्वर जी जाओ, प्रभु पारस के गुण गाओ..

भटकना छोड़ो यूं दर दर पे तुम,
प्रभु पारस की शरण में आओ ।
न भागो भाई दुःखो से डरके,
हर एक चौखट पे ये सर ना झुकाओ ।
पांचवा आरा हैं ही दुःखो का, भक्ति से कर्म खपाओ,
शंखेश्वर जी जाओ, प्रभु पारस के गुण गाओ ।।

करम का राजा रहम नहीं करता,
किसी भी प्राणी को वो ना छोड़े ।
नहीं मिलती हैं दुःखो से मुक्ति,
बिना कर्मो के फलों को भोगे ।
हंसते हुए जो कर्म हैं बांधे, समता से खपाओ,
शंखेश्वर जी जाओ, प्रभु पारस के गुण गाओ ।।

प्रभु पारस पे भरोसा कर लो,
मिटेंगे दुःखडे सभी जन्मो के ।
प्रभु की मस्ती करो मस्ती में,
मगन हो जाओ प्रभु चरणों में ।
'नाकोड़ा दरबार' 'प्रदीप' कहें, श्रद्धा को अटल बनाओ,
शंखेश्वर जी जाओ, प्रभु पारस के गुण गाओ ।।
श्रेणी
download bhajan lyrics (560 downloads)