अंजनी के लाल हुए दीप जलाओ
दीप जलाओ ख़ुशी मनाओ नाचो गाओ रे
अंजनी के लाल हुए दीप जलाओ
पवन वेग से हर ने भेजे पवन पुत्र कहलाये
शिव के ग्यारवे रूद्र यहा पे धन्य भाग है आये,
केसरी नन्द अंजनी लाल के दर्शन पाओ रे
अंजनी के लाल हुए दीप जलाओ
बल बुधि विद्या में निपुण है अतुलित बलधारी
इनकी महिमा जग गायेगा ये शिव के अवतारी
दुष्ट दलन के संकट के रक्श्क आओ गोद खिलाओ रे
अंजनी के लाल हुए दीप जलाओ
इनके हिरदये में हरी विराजे मुख से निकला राम
इनके ही गुण गाओ भाई पूर्ण करे सब काम
मंगल गीत सुनाओ गाओ मिल के गाओ रे
अंजनी के लाल हुए दीप जलाओ