भक्ति दान गुरू दीजिए

भक्ति दान गुरू दीजिए,
देवन के देवा हो ll
जन्म पाया न बिसरूं,
करिहूँ पद सेवा ll

तीरथ वर्त मैं न करूँ,
ना देवल पूजा ll
मनसा वाचा करमणा,
मेरे और ना दूजा ll
भक्ति दान गुरू,,,,,,,,

अष्ट सिद्धि नौ निधि है,
बैकुण्ठ का वासा ll
सो मैं कुछ ना माँगता,
मेरे समर्थ दाता ll
भक्ति दान गुरू,,,,,,,,

सुख, सम्पति, परिवार, धन,
सुंदर वर नारी l
सुपने में इच्छा न उठे,
गुरू आन तुम्हारी ll
भक्ति दान गुरू,,,,,,,,

धर्मदास की विनती,
समर्थ सुन लीजै ll
आवागमन निवार कै,
अपना कर लीजै ll
भक्ति दान गुरू,,,,,,,,
अपलोडर- अनिलरामूर्तिभोपाल

download bhajan lyrics (904 downloads)