माँ का जलवा

मेरी मां अंबे दुर्गे भवानी किस जगह तेरा जलवा नहीं है
तेरा जलवा कोई कोई देखे हर किसी का मुकद्दर नहीं है
तेरा जलवा जलवा जलवा तेरा जलवा जलवा जलवा तेरा जलवा,
कोई कोई देखे हर किसी का मुकद्दर नहीं है

मेरी मैया के दर पर जो आते हर सवाली सभी कुछ है पाते ,
जिसको मां पर नहीं है भरोसा जिसको मां पर नहीं है भरोसा सारी दुनिया से ठोकर  खाते,
तेरा तेरा जलवा कोई कोई देखे हर किसी का मुकद्दर नहीं है.....

लोग पीते हैं पी कर के गिरते
हम तो पीते पर गिरते नहीं है
हम तो पीते हैं भक्ति का प्याला दुनिया वालो से डरते नहीं है,
तेरा जलवा कोई कोई देखे हर किसी का मुकद्दर नहीं है

जिसने चरणों पे  सर को झुकाया
दूरी अपने गमों को हटाया
मेरी मैया की चौखट जो आते
फिर कहीं ना वो सर को झुकाते,
तेरा जलवा कोई कोई देखे हर किसी का मुकद्दर नहीं

माँ के आंचल में आके तो देखो
अपने अनसु बहा कर तो देखो
तुम रोते हो दुनिया के आगे
दुख माँ को  सुना कर तो देखो
तेरा जलवा कोई कोई देखे हर किसी का मुकद्दर नहीं है
तेरा जलवा जलवा जलवा
तेरा जलवा जलवा जलवा
तेरा जलवा हो तेरा जलवा
कोई कोई देखे हर किसी का मुकद्दर नहीं
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