क्या केहना जी क्या केहना मेरी मैया जी का क्या केहना 
मैं नही केहता सब केहते है मैया जी का क्या केहना 
क्या केहना जी क्या केहना मेरी मैया जी का क्या केहना
ये सुंदर शिंगार और मोहनी मूरत प्यारी 
लाल चुनरिया के ऊपर ये घोटे और किनारी 
बिन मांगे सब कुछ देती है सारे संकट हर लेती है 
क्या केहना जी क्या केहना मेरी मैया जी का क्या केहना
उसका हर संताप हारे जो मन की ज्योत जगाता 
श्रधा प्रेम भावना मांगे भोली भाली माता 
सारी दुनिया जान गई है बात ये अब तो मान गई है 
क्या केहना जी क्या केहना मेरी मैया जी का क्या केहना
दूर दूर से सब आते है लेकर कितनी आशा 
सब को पावन करती है माँ देती नही निराशा 
इसकी बड़ी निराली है शान माता मेरी बड़ी महान 
क्या केहना जी क्या केहना मेरी मैया जी का क्या केहना