दुःख की बदली जब जब मुझपर छा गई
सिंह सवारी करके मैया आ गई
वो आ गई आ गई मेरी माँ
दुःख की बदली जब जब मुझपर छा गई
जब जब संकट आया है माँ को सामने पाया है,
दुनिया ने रिश्ते तोड़े इसने साथ निभाया है,
रोते हुए को हसा गई अपने गले लगा गई,
वो आ गई वो आ गई वो आ गई मेरी माँ,
दुख की बदली जब जब मुझ पे छा गई,
सिंह सवारी करके मैया आ गई…………..
स्वार्थ के संसार में तू ही एक सहारा है,
तेरे बिना इस जग में माँ कोई नहीं हमारा है,
हारे हुए को जीता गई भक्त का मान बढ़ा गई,
वो आ गई वो आ गई वो आ गई मेरी माँ,
दुख की बदली जब जब मुझ पे छा गई,
सिंह सवारी करके मैया आ गई………….
ये सच्ची दातार है इसकी दया अपार है,
इसकी रहमत से चलता मेरा घर संसार है,
“रजनी” की बिगड़ी बना गई,
हर घड़ी लाज बचा गई,
वो आ गई वो आ गई वो आ गई मेरी माँ,
दुख की बदली जब जब मुझ पे छा गई,
सिंह सवारी करके मैया आ गई………….