नाकोड़ा रा नाथ भेरूजी रुणझुण करता आओ

नाकोड़ा रा नाथ भेरूजी रुणझुण करता आओ

आओ भेरूजी आओ भेरूजी
नाकोड़ा थी आओ

एक हाथ में त्रिशूलधारी
डम डम डमरू बजाओ

दूजे हाथ में खड़ग धराजो
रुणझुण घुँघरा बजाओ

कलाकंद सुखड़ी है प्यारी
छप्पन भोग लगाओ

तेल चढ़ाऊँ नित रविवारी
श्रीफल चरणे धराओ

श्रेणी
download bhajan lyrics (712 downloads)