चारभुजा को मंदिर लागो बड़ो सुन्दर,
दर्शन की मन मे लागरी सा ॥
चारभुजा को मंदिर बरसनी के अन्दर,
शोभा बड़ी निराली सा,
चारभुजा को मंदिर लागो बड़ो सुन्दर,
दर्शन की मन मे लागरी सा ॥
निमाडला की छाया चारभुजा की माया,
देव बड़ा हितकारी सा,
चारभुजा को मंदिर लागो बड़ो सुन्दर,
दर्शन की मन मे लागरी सा ॥
चारभुजा री आरती में उबा रेवे जातरी,
नैया ने पार लगाओ सा,
चारभुजा को मंदिर लागो बड़ो सुन्दर,
दर्शन की मन मे लागरी सा ॥
झुलनी को मेलो होवे जातरी भेलो,
दुखिया का दुखड़ा काटसी सा,
चारभुजा को मंदिर लागो बड़ो सुन्दर,
दर्शन की मन मे लागरी सा ॥
चम्पा लाल जस गावे चरणा शीश नमावे,
दुबतड़ी नैया ने बेगि तारज्यो सा,
चारभुजा को मंदिर लागो बड़ो सुन्दर,
दर्शन की मन मे लागरी सा ॥