गौधन को रखवालों संत सिंगाजी कवय गयो रे,
गवलय समाज को बेटो जगत मे नाम कमय गयो रे.....
जेने खजूरी मे जनम लियो रे, माँ गउर को दूध पियो रे,
बाबा भीमाजी को लाल, भाई लिंबाजी कवई गयो रे,
गवलय समाज को बेटो.....
जेने निर्गुण भक्ति करी रे, जेने मूठ के पाछे करी रे,
रणगाँव का धोबी को नाम माटी मे मिले गयो रे,
गवलय समाज को बेटो......
गुरु मनरंगगिर को चेलो, सूरा मे सूरो अकेलो,
म्हारा संत सिंगाजी महाराज गुरु की टेक निभय गया रे,
गवलय समाज को बेटो......