हे आनंदघन मंगलभवन नाथ अमंगलहारी,
हम आए शरण तुम्हारी
हम आए शरण तुम्हारी।।
रघुवर कृपाल प्रभु प्रनतपाल,
अब राखो लाज हमारी हम आए शरण तुम्हारी,
हे आनंदघन मंगलभवन नाथ अमंगलहारी,
हम आए शरण तुम्हारी
हम आए शरण तुम्हारी।।
तुम जैसा नहीं पतित उदाहरण पतित नहीं हम जैसा,
बिन कारण जो द्रवे दीन पर देव ना दूजा ऐसा,
हम है दीन तुम दीनबंधु तुम दाता हम है भिखारी,
श्री राम जय जय राम श्री राम जय जय राम,
श्री राम जय जय राम श्री राम जय जय राम,
हे आनंदघन मंगलभवन नाथ अमंगलहारी,
हम आए शरण तुम्हारी
हम आए शरण तुम्हारी।।
दो अक्षर का नाम है राम तुम्हारा नाम,
दो अक्षर का भाव ले तुमको करे प्रणाम।।
यही सोचकर अंतर्मन पर लिख लिया नाम तुम्हारा,
राम लिखा जिन पाषाणों पर उनको तुमने तारा,
राम से राम का नाम बड़ा है नाम की महिमा भारी,
श्री राम जय जय राम श्री राम जय जय राम,
श्री राम जय जय राम श्री राम जय जय राम,
हे आनंदघन मंगलभवन नाथ अमंगलहारी,
हम आए शरण तुम्हारी,
रघुवर कृपाल प्रभु प्रनतपाल,
अब राखो लाज हमारी हम आए शरण तुम्हारी,
हे आनंदघन मंगलभवन नाथ अमंगलहारी,
हम आए शरण तुम्हारी।।