राम लखन सीता के प्यारे,
संकट मोचन हनुमान।
जिसने भी तेरा नाम पुकारा,
उसको मिला है वरदान।
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर,
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर।
तुम्हारे चरणों में हम झुकते हैं,
दयालु, तुमपे ही सब कुछ वारते हैं।
लाल लंगोटा, गदा विराजे,
पवनपुत्र, बलशाली।
सीने में जिसके राम बसते,
तेरी भक्ति है सबसे निराली।
लंका को तूने पल में जलाया,
जब राम नाम का घोष किया।
तेरे बल से ही तो रघुवर ने,
दुष्टों का संहार किया।
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर,
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर।
तुम्हारे चरणों में हम झुकते हैं,
दयालु, तुमपे ही सब कुछ वारते हैं।
दूर करो प्रभु मेरा अंधियारा,
तुम हो मेरे जीवन का उजियारा।
भटकूँ ना मैं राह से अपनी,
दे दो बस मुझको तेरा सहारा।
हरपल तेरा ध्यान रहे मुझको,
बस इतना सा करना उपकार।
राम लखन सीता के प्यारे,
संकट मोचन हनुमान।
जिसने भी तेरा नाम पुकारा,
उसको मिला है वरदान।