बीरा मारा रामदेव ,
राणी नेतल रा भरतार,
ऐ कर ले वाणी आवजयो,
थारी बेनड करे पुकार।
अळगी गाणी परणाई वो बीरा जी,
ली नहीं साल संभाल,
जिव अमुजे उण्डी ओरिया में,
अठे पड़े रे काल पर काल,
ओ बीरा रामदेव रे,
बाई ने एकर लेवण आ,
अळगो बाई रो सांसरो रे,
ओ बीरा रे माता मिलन रो चाह....
बेटी ने तो नुचु रेवे, बूढ़ा मायर बाप,
अलगो लगन, लिखायो रे जोशी जी,
थाने खायो नहीं कालो सांप,
ओ बीरा रामदेव रे,
बाई ने एकर लेवण आ,
अळगो बाई रो सांसरो रे,
ओ बीरा रे माता मिलन रो चाह....
सांसु जितरे सांसरो रे,
बीरा माता जिटरे पीर,
जद रे भोजाया घर आवसी रे,
मारो मनडो ना माने पीर,
ओ बीरा रामदेव रे,
बाई ने एकर लेवण आ,
अळगो बाई रो सांसरो रे,
ओ बीरा रे माता मिलन रो चाह.....
एकर तो बीरा माने ने बता दो,
पिहरिया रा रुख,
ना जाणु कद होवसी रे,
बीरा रूणिचा में रुख,
ओ बीरा रामदेव रे,
बाई ने एकर लेवण आ,
अळगो बाई रो सांसरो रे,
ओ बीरा रे माता मिलन रो चाह....
ओलु सुगना बेन री रे,
बीरा कथ गावै पन्ना लाल,
अब मत बिलखे सुगना बेनड़ी,
थाने रत्नो लेवन आव,
ओ बीरा रामदेव रे,
बाई ने एकर लेवण आ,
अळगो बाई रो सांसरो रे,
ओ बीरा रे माता मिलन रो चाह.....